दास्तान, जो खो गई……
इतिहास में होता है ज़िक्र राजाओं, महाराजाओं, राणाओं, महाराणाओं का। उनकी वीरता के क़िस्से सदियों तक सुनाए जाते हैं समाज में। चारण, भाट करते हैं […]
इतिहास में होता है ज़िक्र राजाओं, महाराजाओं, राणाओं, महाराणाओं का। उनकी वीरता के क़िस्से सदियों तक सुनाए जाते हैं समाज में। चारण, भाट करते हैं […]
अच्छी फिल्मों के अंत अक्सर खराब होते हैं. किसी भी अच्छे मुद्दे को उठाकर उसे तार्किक परिणति तक पहुँचाना सबके बस में नहीं होता. अक्सर […]
सर आपको एक कहानी सुनाता हूँ… तीन लड़के हैं अतुल, रजत और चिराग. बड़े ही साधारण परिवारों से. ऐसा भी नहीं कि उन्हें खाने के […]
लोकतंत्र के चार सतम्भ बताये जाते हैं. पहला विधायिका यानी वह तंत्र जिन्हें आम वोटर चुनता है. दूसरा कार्यपालिका यानी सरकारी अफसर और कर्मचारी जिनका […]
पहला दृश्य: 2 नवम्वर 2000 वह अट्ठाईस साल की है. उसकी सगाई हो चुकी है. मंगेतर, सूटों साड़ियों पर होने वाली कढ़ाई और साधारण साज […]
महिला पुरुष समानता और लिंग के आधार पर अधिकार जताने की परंपरा को केंद्र में रखकर अभी तक दो ब्लॉग लिख चुका हूँ. पहले ब्लॉग […]
हरिद्वार गंगा किनारे बैठा हूँ, जलस्तर इतना ही है कि नहाने का अरमान पाले आये भक्त केवल पैर धोकर वापस चले जाएँ क्योंकि पानी घुटनों […]
पिछले हफ्ते महिला-पुरुष समानता पर कुछ वैज्ञानिक आंकड़ों के साथ एक ब्लॉग लिखा तो लगा जैसे बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया. कुछ दोस्तों […]
हमारे आस-पास बहुत सी ऐसी बातें और धारणाएं हैं जिन पर हम अक्सर बिना सोच विचार किये यकीन कर लेते हैं. इस तथाकथित यकीन के […]
जब इस लेख को लिखने बैठा तो लगा इसे दो तरह से लिखा जा सकता है “दंगे वहीँ क्यों होते हैं जहाँ मुस्लिम आबादी अधिक […]
Copyright © 2019 | WordPress Theme by MH Themes