परवाह किसे है?
हम सब अपनी ज़िंदगी में बहुत सी चीज़ों की परवाह भी करते हैं और जाने अनजाने बहुत सी चीज़ों की परवाह ना करने का निर्णय […]
हम सब अपनी ज़िंदगी में बहुत सी चीज़ों की परवाह भी करते हैं और जाने अनजाने बहुत सी चीज़ों की परवाह ना करने का निर्णय […]
सबै सयाने एक मत….. सूफी संत फ़कीर एक मत के होते हैं एक साथ रहते हैं… लेकिन आज नानक अल्लाह के घर आये…. यूँ तो […]
मौत…. मृत्यु नहीं. मौत शब्द इसलिए चुना है क्योंकि मौत में एक खटास है. मृत्यु संभ्रात शब्द जैसा लगता है. मौत शब्द उस एक घटना […]
उसे समझ नहीं आ रहा था क्या किया जाये. ऐसा नहीं था कि यह पहली मुश्किल थी जिसका सामना उसे करना पड़ा था. लेकिन इस […]
वे आजकल चर्चा का विषय हैं, न चाहते हुए भी हर जगह उन्हें देखना पड़ता है. टीवी मेरा है पर चैनल उनका है. अखबार का […]
ओशो के शुरूआती सफर के दिनों में एक बार कवि सुमित्रानंदन पन्त ने ओशो से पूछा था-“भारत के चैतन्य के आकाश के बारह नक्षत्र कौन […]
समय भी अजीब शय है. वैज्ञानिक फंतासियों से लेकर दूसरे गृह पर जीवन की तलाश तक में यह अपनी अलग-अलग भूमिका निभाता रहता है. कहीं […]
घटना एक ही है, वर्जन दो हैं. पहले वर्जन के अनुसार, सन १९७३, मुंबई के HEM अस्पताल में एक नर्स अरुणा के साथ बलात्कार, लूट […]
सभी धर्मों में कभी न कभी किसी न किसी बात पर दो फाड़ की नौबत आई लेकिन इसे हर धर्म ने अपनी भौगौलिक और सामाजिक […]
पिछले ब्लॉग कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है? को लगभग एक माह बीत चुका है. (यह ब्लॉग उसी दिए गए लिंक की अगली […]
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